गंगा का संरक्षण हम सभी की सामूहिक ज़िम्मेदारी- जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल
गंगा को दूषित करने वालों पर होगी कड़ी कार्रवाई- जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल।





डिबाई (केपीसिंह चौहान)। तहसील के नरौरा बसी गंगा घाट में विश्व पर्यावरण दिवस 2025 के अवसर पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल ने की। यह कार्यक्रम ‘नमामि गंगे’ मिशन के तहत आयोजित किया गया जिसका मुख्य उद्देश्य भारत के सतत विकास, नदी पुनरुद्धार, स्वच्छ पर्यावरण और युवा सहभागिता के प्रति प्रतिबद्धता को सुदृढ़ करना था। कार्यक्रम में मंत्री द्वारा संबोधित करते हुए कहा कि हमारी संस्कृति में हर नदी को ‘मां’ कहा गया है। ऐसे में उनका संरक्षण सिर्फ एक दायित्व नहीं, बल्कि एक श्रद्धा है। पाटिल ने नदियों में फैल रहे प्रदूषण को रोकने के लिए कहा कि जन सहभागिता से ही गंगा को स्वच्छ किया जा सकता है। सभी को जागरूक करना है कि गंगा में किसी भी प्रकार का प्रदूषण नहीं फैलाए। जल के दूषित होने के साथ ही जलीय जीवों को भी प्रदूषण से हानि पहुंचती है। उन्होंने कहा कि हमें प्रदूषण के स्रोत पर ही रोक लगानी होगी। सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल पर पूर्णतः रोक लगानी है। गंगा में जाने वाले दूषित पानी को एसटीपी के माध्यम से फिल्टर कर भेजा जाए। जितने भी सिवरेज प्लांट हैं वह सक्रियता से कार्य करे। आज गंगा को स्वच्छ बनाने के लिए नुक्कड़ नाटक के माध्यम से प्रदर्शित किए गए नाटक की भी सराहना करते हुए कहा कि कलाकारों ने आत्मीयता के साथ गंगा को दूषित होने से बचाने के लिए संदेश दिया। हम सभी का दायित्व है कि गंगा सिर्फ एक नदी नहीं, बल्कि जीवनदायिनी शक्ति है — तब तक संरक्षण अधूरा रहेगा। उन्होंने गंगा की स्वच्छता के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2014 में शुरू की गई नमामि गंगे योजना की सराहना करते हुए कहा कि नमामि गंगे योजना के तहत गंगा को स्वच्छ बनाए रखने का कार्य किया जा रहा है। नाविकों के द्वारा भी गंगा जी को साफ सुथरा रखने के लिए यात्रियों को भी जल में किसी प्रकार का अवशेष नहीं डालने के लिए प्रेरित किया जाता है। गंगा प्रहरियों से मिलने के अनुभव को साझा करते हुए मंत्री ने कहा कि ये प्रहरी न सिर्फ स्वयं ही गंगा की सफाई करते हैं बल्कि दूसरों को भी प्रदूषण फैलाने से रोकते हैं। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि गंगा में गंदा पानी न पहुंचे और जो भी गंगा को प्रदूषित करने का कार्य करता है उसे जागरूक कर ऐसा नहीं होने दे। उन्होंने गंगा और उसकी सहायक नदियों के संरक्षण पर जोर दिया।
कार्यक्रम में प्राकृतिक खेती कार्यशाला और कृषि क्षेत्र में नवाचार करने वाले समृद्ध किसानों के द्वारा भी अपने खेती के अनुभवों को साझा किया। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के "किसानों की आय दोगुनी करने" के लक्ष्य को प्राप्त करने के उपायों पर चर्चा करना था। कार्यशाला में रासायनिक खादों से मुक्त खेती, मिट्टी की सेहत में सुधार और जलवायु परिवर्तन से निपटने के उपायों पर विशेषज्ञों ने विचार किए। युवाओं की सक्रिय भागीदारी और संवाद कार्यक्रम के दौरान जल शक्ति मंत्री ने 200 से अधिक गंगा प्रहरी, स्कूल छात्र और एमएससी छात्राओं के साथ संवाद किया। इन युवाओं ने पर्यावरणीय अनुकूल प्रथाओं को प्रोत्साहित करने के प्रयासों को साझा किया। साथ ही, राष्ट्रीय नदी संरक्षण निदेशालय की रिपोर्ट का विमोचन भी किया गया। जिसमें चल रहे प्रोजेक्ट्स और पर्यावरणीय डेटा की जानकारी दी गई। पर्यावरण जागरूकता के लिए मोबाइल बस की पहल इस आयोजन में एक अनूठी पहल के रूप मंत्री ने राष्ट्रीय पुस्तक ट्रस्ट (NBT) की विशेष रूप से डिजाइन की गई मोबाइल बस का उद्घाटन किया। यह बस ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में यात्रा करेगी और साहित्य, कहानी सुनाने और संवादात्मक शिक्षा के माध्यम से पर्यावरण जागरूकता फैलाएगी। मंत्रालय की बहु-हितधारक रणनीति और भविष्य की दिशा बुलंदशहर में हुए इस आयोजन ने जल शक्ति मंत्रालय की बहु-हितधारक रणनीति का एक शानदार उदाहरण प्रस्तुत किया। इस आयोजन में विज्ञान, परंपरा, समुदाय की भागीदारी और युवा नेतृत्व का संगम देखने को मिला। वृक्षारोपण, जैव विविधता संरक्षण, प्राकृतिक खेती और सांस्कृतिक कार्यक्रमों जैसी गतिविधियाँ भारत सरकार के पर्यावरण संरक्षण और पारिस्थितिक तंत्र के पुनरुद्धार के प्रति अटूट संकल्प को दर्शाती हैं। यह आयोजन न केवल पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों को बढ़ावा देता है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करता है कि आने वाली पीढ़ियाँ एक स्वच्छ और हरा-भरा भारत देख सकें। गंगा दशहरा का विशेष उल्लेख कार्यक्रम में जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल ने गंगा दशहरा के महत्व पर भी चर्चा की, जो गंगा नदी के प्रति आस्था और श्रद्धा का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि गंगा दशहरा के दिन विशेष रूप से गंगा के तटों पर स्नान करने और पूजा अर्चना का महत्व है, जो न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी एक सकारात्मक संदेश देता है। गंगा जी के ड्रोन से सर्वे के करते हुए स्वच्छता के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं उसके लिए भी ड्रोन उड़ाकर शुभारम्भ किया। इस अवसर पर महा निदेशक राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन राजीव कुमार मित्तल, जिलाधिकारी श्रुति, विधायक डिबाई चन्द्र पाल सिंह, विधायक अनूपशहर संजय शर्मा, विधायक स्याना देवेन्द्र सिंह लोधी सहित सम्बंधित अधिकारीगण एवं जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।