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डिबाई में बन्दरों के आतंक से जनता परेशान
डिबाई /धर्मेन्द्र लोधी/ (उगता सूरज) डिबाई क्षेत्र में इस समय बन्दरों का आतंक चरम सीमा पर है चाहे वह ग्रामीण अंचल क्षेत्र हो या नगर कोई भी घर इन बन्दरों के आतंक से अछूता नही है। नगर में शायद ही कोई घर बचा होगा जो बन्दरों के आतंक से प्रभावित न हो।इन बन्दरों के कारण न तो आप अपने घर की छत जा सकते हो और न ही आपके छोटे -छोटे बच्चे अपने ही घर की छत जा सकते हें ।हद तो जब हो जाती है जब ग्रहणीयों के द्वारा कपड़े छत पर सुखाए जाते हें तो ये आतंकी बन्दर आपके कीमती कपड़ों को लेकर भाग जाते हें और उन्हें चीर-फाड़ कर के बर्बाद कर देते हें । यही नही इन बन्दरों के आतंक के कारण ग्रहणीयां खुले में खाना तो बना ही नही सकतीं हें क्योंकि न जाने बन्दरों का कोई झुण्ड कब आ जाए और कब हमला कर घायल कर दे कोई नही जानता क्योंकि पूर्व में भी बन्दरों द्वारा काटे जाने की सैकड़ों घटनाएं हो चुकी हें मगर इस ओर सम्बंधित विभाग का कोई ध्यान नही है।
डिबाई में बन्दरों के आतंक से जनता परेशान
डिबाई /धर्मेन्द्र लोधी/ (उगता सूरज) डिबाई क्षेत्र में इस समय बन्दरों का आतंक चरम सीमा पर है चाहे वह ग्रामीण अंचल क्षेत्र हो या नगर कोई भी घर इन बन्दरों के आतंक से अछूता नही है। नगर में शायद ही कोई घर बचा होगा जो बन्दरों के आतंक से प्रभावित न हो।इन बन्दरों के कारण न तो आप अपने घर की छत जा सकते हो और न ही आपके छोटे -छोटे बच्चे अपने ही घर की छत जा सकते हें ।हद तो जब हो जाती है जब ग्रहणीयों के द्वारा कपड़े छत पर सुखाए जाते हें तो ये आतंकी बन्दर आपके कीमती कपड़ों को लेकर भाग जाते हें और उन्हें चीर-फाड़ कर के बर्बाद कर देते हें । यही नही इन बन्दरों के आतंक के कारण ग्रहणीयां खुले में खाना तो बना ही नही सकतीं हें क्योंकि न जाने बन्दरों का कोई झुण्ड कब आ जाए और कब हमला कर घायल कर दे कोई नही जानता क्योंकि पूर्व में भी बन्दरों द्वारा काटे जाने की सैकड़ों घटनाएं हो चुकी हें मगर इस ओर सम्बंधित विभाग का कोई ध्यान नही है।
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